Education News : संस्कृत विश्वविद्यालय को अलौकिक पहचान बनाने की कवायद तेज..

दरभंगा । संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर लक्ष्मी निवास पांडेय की अध्यक्षता में बीतें मंगलवार को उनके कार्यालयीय कक्ष में आयोजित आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (इंटरनल क्वालिटी असुरेन्स सेल – IQAC) की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। मिथिला की ज्ञान परम्परा व शास्त्रीय पहचान को संस्कृत विश्वविद्यालय के जरिये राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर मजबूती से स्थापित करने पर भी बैठक में गंभीरता से विचार किया गया।

कुलपति प्रो. पांडेय ने सुझाया कि विश्वविद्यालय के गौरवमयी इतिहास को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कला व साहित्यिक मंच बनाये जाएंगे। इसी क्रम में उन्होंने शास्त्र संजीवनी मंच, संस्कृत प्रचार मंच, कला रंजिनी मंच, पर्यावरण मंच, युवा चेतना मंच, महिला चेतना प्रकोष्ठ को विश्वविद्यालय स्तर पर स्थापित करने का निर्देश दिया। साथ ही इन मंचों के सफल संचालन के लिए एक एक संयोजक भी नामित किया गया। स्पष्ट किया गया कि इन्हीं मंचों द्वारा सभी गतिविधियों को संचालित किया जाएगा। वहीं, कुलपति ने भविष्य का खाका खींचते हुए कहा कि मिथिला न्याय व दर्शन की धरती रही है। इसलिए न्याय की विद्या की रक्षा के लिए विश्वविद्यालय में मिथिला- कांची पीठ की स्थापना की जाएगी और इसी के जरिये उतर व दक्षिण के विद्वानों का यहाँ समागम होगा। इसी परम्परा पर वृहत कार्यशाला का भी आयोजन होगा। ललित कला संकाय को भी पुर्नजीवित करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए पूर्व निदेशक वीरेंद्र सिंह से भी सलाह लेने का निर्णय हुआ।

उक्त जानकारी देते हुए PRO निशिकान्त ने बताया कि वैसे तो बैठक का मूल रूप से 13 बिन्दुओं का प्रस्ताव था, लेकिन उसके इतर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय लिया गया। वर्ष 2017-18, 18-19, 19-20 तथा 20-21 के वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट (एनुअल क़्वालिटी असुरेन्स रिपोर्ट – AQAR) के अनुमोदन पर विचार के क्रम में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया। इस कमेटी में डॉ पुरेन्द्र वारीक, डॉ साधना शर्मा व डॉ घनश्याम मिश्र को शामिल किया गया है। यही कमेटी सदस्य AQAR की जांच परख करेंगे तथा नैक के वेबसाईट पर अपलोड भी कराएंगे। वहीं संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए निर्णय लिया गया कि कालेजों में संस्कृत सम्भाषण कार्यक्रम को मजबूती से आयोजित किया जाय। महत्वपूर्ण निर्णय यह भी रहा कि नए-नए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई भी शुरू की जाएगी।

इसके आलावा योग विज्ञान, कर्मकांड, कल्चरल टुरिज्म, आयुर्वेद समेत अन्य विषयों पर विचार किया गया। साथ ही त्रैमासिक वार्ता पत्रिका का भी प्रकाशन किया जाएगा। इसके लिए डॉ रामसेवक झा तथा डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही राजभवन के दिशा निर्देश के आलोक में छात्र संघ के चुनाव पर भी विचार किया गया। कक्षाओं में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए NSS से भी सहायता ली जाएगी। सूचना वैज्ञानिक डॉ नरोत्तम मिश्रा के समन्वयन में आयोजित बैठक में मुख्य रूप से कुलपति प्रो. पांडेय के अलावा डॉ पुरेन्द्र बारीक, डॉ शिवलोचन झा, डॉ दिलीप कुमार झा, डॉ पवन कुमार झा, डॉ घनश्याम मिश्र, डॉ साधना शर्मा, डॉ शम्भू शरण तिवारी, डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री, डॉ रामसेवक झा, छात्रा सीता कुमारी, डॉ विभव कुमार तथा KSDSU कैम्पस की SBI शाखा के मुख्य प्रबंधक उपस्थित थे।

By Somdutt Sahu

Content Writer (Team Bholeram)

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *