राजनांदगांव । जहां एक तरफ आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी बागियों के माफीनामे के बाद उनकी वापसी करवा रही है, वहीं दूसरी तरफ राजनांदगांव से लोकसभा प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने भरे मंच में भड़ास निकालना कांग्रेसी कार्यकर्ता सुरेंद्र वैष्णव को भारी पड़ गया है । जिसके चलते पार्टी ने उन्हें अनुशासन हीनता के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से भी निष्काषित कर दिया है ।
क्या है ? पूरा मामला :
दरअसल प्रत्याशी घोषित होने के बाद पहली बार पहुंचे लोकसभा उम्मीदवार भूपेश बघेल के सामने कांग्रेसी कार्यकर्ता ने उन्हें बाहरी प्रत्याशी बताकर और कांग्रेस पार्टी पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का संगीन आरोप भरे मंच से लगाया था । मंच में आसीन पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को इंगित करते हुए सुरेंद्र वैष्णव ने कहा कि “सीएम रहते हुए भी 5 सालो में न तो कोई काम हुआ है और ना ही कार्यकर्ताओं का सम्मान ।” भरे मंच में कांग्रेस कार्यकर्ता की पीड़ा बयां होते ही सभा स्थल में सन्नाटा पसर गया था । वही कार्यकर्ता की पीड़ा सामने आने के बाद भूपेश ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी है, यहां सभी कांग्रेसियों को अपने दिल की बात कहने की छूट मिलती है ।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दरियमान कांग्रेसी नेताओ ने पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद पार्टी ने पूर्व विधायक सहित कई नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित भी कर दिया था और कांग्रेस के बागियों द्वारा माफीनामे के बाद से इनको कांग्रेस में वापिसी भी हो रही है । लेकिन ऐसे में भूपेश बघेल के सामने मंच में दर्द बयां करने वाले ब्लाक कांग्रेस ग्रामीण कार्यकर्ता को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी पर सवाल खड़े हो रहे है ।
सवाल ये कि निष्कासन और वापिसी के खेल में पार्टी के अनुशासन के डंडे का कोई असर नहीं हो रहा है । यानी कार्यकर्ता पार्टी की छवि धूमिल करने जैसे कृत्य के बाद भी बहाल हो रहे है, दरअसल पार्टी के पास कोई विकल्प भी नही है और लोग भी नही बचे है, ऐसे में पतन में जाति पार्टी को बचाने संगठन के पास वापिसी के अलावा कोई दूसरा रास्ता नजर ही नहीं आ रहा है ।